उज्जैन में पंडित देवेंद्र उपाध्याय एक प्रसिद्ध ज्योतिषी हैं जो काल सर्प दोष पूजा का विशेष आयोजन करते हैं। उनके निर्देशन में इस पूजा का आयोजन होता है जो व्यक्ति को इस दोष से मुक्ति दिलाता है। पंडित देवेंद्र उपाध्याय विशेषज्ञता और विश्वासनीयता के साथ यह पूजा संपन्न करते हैं, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है। उनके माध्यम से यह पूजा कराने से व्यक्ति की समस्याओं में सुधार होता है और उन्हें नई ऊर्जा और संतुलन मिलता है। उनकी विशेष परामर्श सहित सहायता से लोग अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति लाते हैं। पंडित देवेंद्र उपाध्याय का अनुभव और ज्ञान उन्हें इस क्षेत्र में प्रमुख बनाता है और वे व्यक्ति के समस्याओं का निवारण करने में सक्षम होते हैं। उनकी दिशा निर्देशन में काल सर्प दोष पूजा सम्पन्न होने से व्यक्ति को अनुभव में बदलाव और समृद्धि का अनुभव होता है। कालसर्प दोष पूजा के अलावा पंडित जी ने महामृत्युंजय जाप, मंगल दोष शांति, सूर्य ग्रहण दोष शांति, चंद्र ग्रहण दोष शांति, अंगारक दोष शांति, बुध चांडाल दोष शांति, गुरु चांडाल दोष शांति, शुक्र चांडाल दोष शांति, शनि चांडाल दोष शांति, राहु केतु शांति, विश्वशांति, अर्क विवाह, कुंभ विवाह, शनि मंत्र के जाप, राहु मंत्र के जाप, केतु मंत्र के जाप, केंद्रों में दोष शांति, उत्पात योग जैसे अनुष्ठानों को सम्पूर्ण वैदिक पद्धति द्वारा संपन्न किया है | इसके अतिरिक्त महामृत्युंजय पाठ भी आवश्यकता के अनुसार करते हैं, पंडित देवेंद्र गुरु जी कुम्भ विवाह, अर्क विवाह, जन्म कुंडली अध्ययन अवं पत्रिका मिलान में भी सिद्धस्त हैं, इन समस्त कार्यों के साथ-साथ पंडित जी पुत्रप्राप्ती के लिए विशेष पूजन किया जाता है तथा वास्तु पूजन, वास्तु दोष निवारण एवं व्यापार, व्यवसाय बाधा निवारण का पूजन भी सम्पूर्ण विधि विधान से करते हैं।
दोष निवारणार्थ अनुष्ठान, मंगल दोष निवारण (भातपूजन), सम्पूर्ण कालसर्प दोष निवारण, नवग्रह शांति, पितृदोष शांति पूजन, वास्तु दोष शांति, द्विविवाह योग शांति, नक्षत्र/योग शांति, रोग निवारण शांति, समस्त विध्न शांति, विवाह संबंधी विघ्न शांति, नवग्रह शांति, कामना पूर्ति अनुष्ठान, भूमि प्राप्ति, धन प्राप्ति, शत्रु विजय प्राप्ति, एश्वर्य प्राप्ति, शुभ (मनचाहा) वर/वधु प्राप्ति, शीघ्र विवाह, सर्व मनोकामना पूर्ति, व्यापार वृध्दि, रक्षा कवच, अन्य सिद्ध अनुष्ठान एवं पूज, पाठ, जाप एवं अन्य अनुष्ठान, दुर्गासप्तशती पाठ, श्री यन्त्र अनुष्ठान, नागवली/नारायण वली, कुम्भ/अर्क विवाह, गृह वास्तु पूजन, गृह प्रवेश पूजन, देव प्राण प्रतिष्ठा, रूद्रपाठ/रूद्राभिषेक, विवाह संस्कार
काल सर्प दोष पूजा उज्जैन एक बहुत ही महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध पूजा है। इस पूजा को करने से सामान्यतः लोग यह मानते हैं कि उनकी जातकी दशा में कोई अशुभ ग्रहों का प्रभाव नहीं होता है और उन्हें समृद्धि एवं सुख आता है। उज्जैन में काल सर्प दोष पूजा की विशेषता इसमें होती है कि यहाँ यह पूजा मंत्रोच्चारण के साथ शास्त्रों के अनुसार की जाती है। यह पूजा साधक के भविष्य के लिए बहुत अधिक महत्व रखती है और इस पूजा के द्वारा साधक अपने भविष्य को सुखमय बनाने के लिए निश्चित रूप से कुछ न कुछ कर सकता है। इस पूजा के दौरान साधक को भगवान शिव और नाग देवता की पूजा पूजन, अभिषेक, हवन आदि से करनी होती है जिससे उन्हें बहुत से फायदे होते हैं। इस पूजा में साधक को विशेष विधियों का पालन करना होता है जिससे उन्हें उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और उन्हें सफलता का सामना करने में आसानी होती है।
सभी प्रकार के पूजन, दोष निवारण एवं मांगलिक कार्य आपके घर, कार्यालय या अन्य स्थानों पर किये जाते हैं|
जातक के पूर्वजन्म के जघन्य अपराध के दंड या शाप के फलस्वरूप उसकी जन्मकुंडली में परिलक्षित होता है।
मंगल दोष निवारण भात पूजन द्वारा एक मात्र उज्जैन में ही भात पूजन कर मंगल शांति की जाती है।
यदि सूर्य या चंद्रमा के घर में राहु-केतु में से कोई एक ग्रह मौजूद हो तो यह ग्रहण दोष कहलाता है।
शादी-ब्याह में इसकी प्रमुखता देखि जा रही है पर इस दोष के बहुत सारे परिहार भी है
महामृत्युंजय जाप एक वैदिक मंत्र है जो भगवान शिव के मृत्युंजय रूप को समर्पित है।
ज्योतिष में कई ऐसे योग होते हैं जिनका मनुष्य पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गुरू चांडाल योग बहुत ही अशुभ माना जाता है
रुद्राभिषेक करके आप शिव से मनचाहा वरदान पा सकते हैं. क्योंकि शिव के रुद्र रूप को बहुत प्रिय है
नवग्रह नौ ब्रह्मांडीय वस्तुएं हैं और ऐसा कहा जाता है कि इनका मानव जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
संसार में ज्योतिष विज्ञान का एक महत्वपूर्ण स्थान है और हमारे जीवन को उत्तराधिकारी ढंग से जीने में मदद करता है। वैदिक ज्योतिष में दोषों की महत्वपूर्ण भूमिका है और इनमें से एक है "काल सर्प दोष"। काल सर्प दोष एक ऐसा ज्योतिषीय दोष है जो जन्म कुंडली में राहु और केतु की शुभता को प्रभावित करता है। इसे दूर करने के लिए काल सर्प दोष पूजा को किया जाता है। काल सर्प दोष जन्मकुंडली में राहु और केतु के बुरे प्रभाव को दर्शाता है। ज्योतिष में राहु और केतु को छाया ग्रहों के रूप में जाना जाता है और इनकी शुभ या अशुभ गतिविधियों का जीवन पर गहरा प्रभाव होता है। काल सर्प दोष के प्रभाव से व्यक्ति को विभिन्न समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं जैसे कि स्वास्थ्य सम्बन्धी, व्यापार में दिक्कतें, परिवार में मतभेद, विवाहित जीवन में असुख, आर्थिक संकट आदि। काल सर्प दोष पूजा क्यों और कैसे करें? काल सर्प दोष के प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिषीय प्रयासों में से एक है काल सर्प दोष पूजा का आयोजन। इस पूजा का मुख्य उद्देश्य राहु और केतु के दोषों को शांत करना है जो व्यक्ति के जीवन में बाधाएं बनते हैं। इस पूजा को विशेष तिथियों और मुहूर्त में करना लाभदायक होता है और इसके लिए उज्जैन एक प्रमुख स्थान है। कालसर्प दोष एक ऐसा दोष है जो किसी व्यक्ति के जीवन में कई तरह की समस्याओं का कारण बन सकता है. यह दोष तब होता है जब सभी ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं. राहु और केतु को ज्योतिष में दोषकारी ग्रह माना जाता है. कालसर्प दोष के कारण व्यक्ति को स्वास्थ्य, धन, वैवाहिक जीवन, करियर, संतान आदि में समस्याएं हो सकती हैं. कालसर्प दोष पूजा एक ऐसी पूजा है जो कालसर्प दोष के प्रभावों को कम करने के लिए की जाती है. यह पूजा उज्जैन में सबसे प्रसिद्ध है. उज्जैन को ज्योतिष का केंद्र माना जाता है और यहां पर कालसर्प दोष पूजा के लिए कई मंदिर और तीर्थ स्थल हैं. कालसर्प दोष पूजा एक वैदिक पूजा है जो एक पंडित द्वारा की जाती है. पूजा में मंत्रों का जाप, हवन और दान आदि शामिल होते हैं. पूजा के बाद व्यक्ति को प्रसाद दिया जाता है. कालसर्प दोष पूजा से व्यक्ति को कालसर्प दोष के प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है. यह पूजा व्यक्ति को शांति, समृद्धि और खुशहाली प्रदान करती है. यदि आप कालसर्प दोष से पीड़ित हैं तो आप उज्जैन कालसर्प दोष पूजा करा सकते हैं. कालसर्प दोष पूजा से आपको कालसर्प दोष के प्रभावों से मुक्ति मिलेगी और आप एक सुखद जीवन जी पाएंगे.
क्या आप जीवन में रुकावटों, दुर्भाग्य और असफलताओं से परेशान हैं? क्या आपको लगता है कि आपके ऊपर काल सर्प दोष का साया है? अगर हां, तो चिंता न करें! उज्जैन, मोक्ष की पवित्र भूमि, आपको इस दोष से मुक्ति पाने का सुनहरा अवसर प्रदान करती है। उज्जैन के प्रसिद्ध और अनुभवी पंडित देवेंद्र उपाध्याय के मार्गदर्शन में, आप शुद्ध विधि-विधान से काल सर्प दोष का शमन कर सकते हैं। काल सर्प दोष एक प्रमुख ज्योतिषीय धार्मिक धारणा है जो किसी व्यक्ति के जीवन में समस्याएं और अड़चनें उत्पन्न कर सकती हैं। यह दोष व्यक्ति को विभिन्न रूपों में दिक्कतों का सामना करने पर मजबूर कर सकता है, जैसे कि स्वास्थ्य समस्याएं, प्रोफेशनल संघर्ष, वित्तीय अस्थिरता और संबंधों में कठिनाइयां। उज्जैन में पंडित देवेंद्र उपाध्याय एक प्रसिद्ध ज्योतिषी हैं जो काल सर्प दोष पूजा का विशेष आयोजन करते हैं। उनके निर्देशन में इस पूजा का आयोजन होता है जो व्यक्ति को इस दोष से मुक्ति दिलाता है। पंडित देवेंद्र उपाध्याय विशेषज्ञता और विश्वासनीयता के साथ यह पूजा संपन्न करते हैं, जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है। उनके माध्यम से यह पूजा कराने से व्यक्ति की समस्याओं में सुधार होता है और उन्हें नई ऊर्जा और संतुलन मिलता है। उनकी विशेष परामर्श सहित सहायता से लोग अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त करते हैं और अपने जीवन में सुख-शांति लाते हैं। पंडित देवेंद्र उपाध्याय का अनुभव और ज्ञान उन्हें इस क्षेत्र में प्रमुख बनाता है और वे व्यक्ति के समस्याओं का निवारण करने में सक्षम होते हैं। उनकी दिशा निर्देशन में काल सर्प दोष पूजा सम्पन्न होने से व्यक्ति को अनुभव में बदलाव और समृद्धि का अनुभव होता है। काल सर्प दोष ज्योतिष शास्त्र में एक महत्वपूर्ण मान्यता है, जिसके अनुसार इस दोष के कारण व्यक्ति को जीवन में अनेक संकटों का सामना करना पड़ सकता है। यह दोष जातक के जीवन को प्रभावित करके विभिन्न तरह की मानसिक, शारीरिक, और आर्थिक समस्याओं का कारण बन सकता है। उज्जैन, मध्यप्रदेश के पवित्र स्थलों में से एक है, जहां प्रतिष्ठित ज्योतिषी एवं पूजा पाठ के विशेषज्ञ पंडित देवेंद्र उपाध्याय द्वारा काल सर्प दोष की पूजा का आयोजन किया जाता है। उनके निर्देशन और मार्गदर्शन में यह पूजा संपन्न होती है, जो व्यक्ति को इस दोष से मुक्ति दिलाती है। पंडित देवेंद्र उपाध्याय की विशेष ज्ञानशक्ति, अनुभव, और शास्त्रीय ज्ञान के साथ, वे व्यक्ति की शांति और समृद्धि के माध्यम से उनकी सेवाएं प्रदान करते हैं। उनकी ध्यानपूर्वक पूजा विधि और उपायों से जातक को नई ऊर्जा, संतुलन, और समृद्धि का अनुभव होता है। काल सर्प दोष के निवारण में व्यक्ति को इस पूजा के माध्यम से अनेक समस्याओं से मुक्ति प्राप्त होती है और वे अपने जीवन में सुख, शांति और समृद्धि की अनुभूति करते हैं। उज्जैन में पंडित देवेंद्र उपाध्याय द्वारा आयोजित काल सर्प दोष पूजा एक शांतिपूर्ण और उपयोगी अनुभव प्रदान करती है, जो व्यक्ति को उनकी समस्याओं का समाधान प्राप्त करने में सहायता करती है। वे न केवल धार्मिक तत्त्वों को बखूबी जानते हैं बल्कि व्यक्ति को आत्मिक शक्ति और संतोष की प्राप्ति में मदद करते हैं। पंडित देवेंद्र उपाध्याय के माध्यम से व्यक्ति को काल सर्प दोष पूजा का आयोजन कराने से उन्हें जीवन में नई ऊर्जा, सकारात्मकता, और सफलता का महसूस होता है।
आचार्य पंडित देवेंद्र गुरुजी जो को समस्त प्रकार के अनुष्ठानो का प्रयोगत्मक ज्ञान एवं सम्पूर्ण विधि विधान की जानकारी गुरुजनों द्वारा प्राप्त हुयी है, पंडित जी संगीतमय श्रीमद भागवत कथा गायन वाचन भी करते हैं |
पडित जी वैदिक अनुष्ठानों में आचार्य की उपाधि से विभूषित है निवारण के कार्यो को करते हुए १0 वर्षो से भी ज्यादा हो गया है।
कालसर्प दोष को ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सबसे अशुभ दोषों में से एक माना गया है. राहु-केतु से निर्मित होने वाला ये दोष बहुत ही खराब माना गया है. मान्यता है कि जिस भी व्यक्ति की कुंडली में कालसर्प दोष होता है, उसके जीवन में छोटी-छोटी चीजों को पाने के लिए भी बहुत संघर्ष करना पड़ता है. इसके साथ ही कुंडली में अन्य ग्रहों की अशुभ स्थिति से इस दोष का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. ऐसा व्यक्ति परेशानियों से मुक्त नहीं हो पाता है. कोई न कोई समस्या उसे जकड़े ही रहती है.
कालसर्प दोष का कुंडली में समय रहते पता लगाकर उसका उपाय करना चाहिए. कालसर्प के बारे में मान्यता है कि ये दोष व्यक्ति को 42 वर्ष तक परेशान करता है. काल सर्प दोष निवारण की पूजा के लिए देशभर के श्रद्धालु यहां-वहां भटकते रहते हैं लेकिन सबसे आसान और सटीक पूजा मध्य प्रदेश के उज्जैन में राजाधिराज भगवान महाकाल की नगरी में होती है। यहां पूजन और महांकाल दर्शन करने मात्र से ही काल सर्प दोष का निवारण हो जाता है, इसके साथ ही आप राहु और केतु के मंत्रों का जप करें। इसके अलावा सर्प मंत्र और नाग गायत्री मंत्र का जप कर सकते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली के सातों ग्रह पाप ग्रह राहु-केतु के मध्य आ जाएं तो कालसर्प दोष बनता है. इसी प्रकार से इस दोष के दो अन्य भेद भी बताए गए हैं. पहला उदित गोलार्द्ध कालसर्प दोष दूसरा अनुदित गोलाद्ध कालसर्प दोष. शास्त्रों में राहु और केतु को सर्प की भांति बताया गया है. सर्प की भांति ये व्यक्ति के भाग्य को जकड़ लेते हैं. राहु को सर्प का मुख और केतु इसकी पूंछ है. जिस व्यक्ति की कुंडली में ये दोष होता है, वो मृत्यु तुल्य कष्ट भोगता है. शास्त्रों में सर्प यानि सांप को काल का पर्याय माना गया है. अनंत, वासुकि, शेष पद्मनाभ, कंबल, शंखपाल, धृतराष्ट्र, तक्षक और कालिया सभी नागों के देवता है. ऐसा माना जाता है कि जो कोई इनका प्रतिदिन स्मरण करता है. उसे नागों का भय नहीं रहता है और सदैव विजयी प्राप्त करता है.